जयपुर के सांस्कृतिक परिदृश्य को नई ऊंचाइयों पर ले जाते हुए जयपुर आर्ट वीक 4.0 का भव्य उद्घाटन हुआ। इंडिया पब्लिक आर्ट्स ट्रस्ट की ओर से आयोजित इस प्रतिष्ठित आयोजन में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय कलाकारों ने अपनी कलाकृतियों और अनूठे प्रदर्शन से कला और संस्कृति के प्रति एक नई दृष्टि प्रस्तुत की। पहले दिन का आकर्षण परंपरा और आधुनिकता के मेल से सजी कलाकृतियों और प्रदर्शनियों का अन्वेषण था। जल महल: मंथन और इधर उधर सुबह 11 बजे जल महल पर, दृश्य कलाकार नंदन घिया ने अपनी मूर्तिकला कृति 'मंथन' का अनावरण किया। समुद्र मंथन से प्रेरित इस कृति में उपनिवेशकालीन फोटोग्राफ, वास्तुशिल्प टुकड़े, और सुनहरी बनावटों का संयोजन था, जो संसाधनों के शोषण और जलवायु परिवर्तन जैसे गंभीर विषयों पर विचार प्रस्तुत करती है।वहीं, फोटोग्राफर निशांत घिया ने अपनी श्वेत-श्याम फोटोग्राफी श्रृंखला 'इधर उधर' प्रस्तुत की, जो जल महल प्रॉमिनेड पर प्रकृति, पर्यटकों और स्थानीय जीवन के सह-अस्तित्व को खूबसूरती से दर्शाती है। हवा महल: लोरेन्जो विट्टूरी और मोनिक रोमेको दोपहर 12:30 बजे हवा महल पर कलाकार लोरेन्जो विट्टूरी ने ग्रामीण भारत की पारंपरिक कला और शिल्प से प्रेरित अपनी कलाकृतियां प्रदर्शित कीं। जयपुर रग्स के सहयोग से बनाई गई इन कृतियों में फोटोग्राफी और मूर्तिकला का अद्भुत मिश्रण देखने को मिला।इसके साथ ही समकालीन नृत्य कलाकार मोनिक रोमेको ने 'पैसेजेस' नामक प्रदर्शन-इंस्टॉलेशन प्रस्तुत किया। इस प्रस्तुति ने स्मृति, अदृश्यता और अस्थायित्व जैसे विषयों पर दर्शकों को सोचने पर मजबूर किया। गोलचा सिनेमा: टुगेदर थ्रू द बायोस्कोप दोपहर 2:15 बजे गोलचा सिनेमा में कलाकार विनायक मेहता ने 'टुगेदर थ्रू द बायोस्कोप' नामक इंटरैक्टिव इंस्टॉलेशन पेश किया। इस कृति ने प्रेम कहानी को बनाए रखने के लिए दर्शकों की भागीदारी को शामिल करते हुए समाज और कला के सामूहिक प्रयासों को खूबसूरती से उजागर किया। अल्बर्ट हॉल: हार्मनी गैलेक्सी और परंपरा का अन्वेषण शाम 4 बजे अल्बर्ट हॉल पर, कलाकार अरज़ू ज़रगर ने अपनी कृति 'हार्मनी गैलेक्सी' प्रस्तुत की, जिसमें 1,727 सिरेमिक मोमबत्तियों का उपयोग किया गया था। यह कृति जयपुर की स्थापना वर्ष से प्रेरित थी और साझा धरोहर का उत्सव मनाती है। इसके साथ ही, टिंकल खत्री और सोशल डिजाइन कोलैबरेटिव ने राजस्थान की परंपराओं और वास्तुकला से प्रेरित अद्वितीय इंटरैक्टिव कृतियां प्रस्तुत कीं। रामबाग पैलेस में सांस्कृतिक संध्या दिन का समापन रामबाग पैलेस में एक भव्य सांस्कृतिक संध्या के साथ हुआ। इस संध्या में कामाक्षी सक्सेना और वगाराम चौधरी की प्रस्तुतियों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। पारंपरिक संगीत और समकालीन प्रस्तुतियों के इस संगम ने कला, वास्तुकला और समुदाय के गहरे संबंधों को उजागर किया।
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जयपुर आर्ट वीक में परंपरा और आधुनिकता का अद्भुत संगम:शहर की हैरिटेज इमारतों पर डिस्प्ले हुई कलाकृतियां, दुनियाभर के कलाकारों के आर्ट से सजी पिंकसिटी
मंगलवार, जनवरी 28, 2025
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