पंचायती राज मंत्रालय ने महिला सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। मंत्रालय ने "सशक्त पंचायत-नेत्री अभियान" की शुरुआत की है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य देश की 770 से अधिक ग्राम पंचायतों को महिला हितैषी बनाना है। नई दिल्ली में 4-5 मार्च, को आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला में इस अभियान का शुभारंभ किया गया। कार्यशाला में 1200 निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों, नीति निर्माताओं और पंचायत प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) इस पहल में मंत्रालय का तकनीकी सहयोगी है। अभियान के तहत हर जिले में कम से कम एक मॉडल महिला-हितैषी ग्राम पंचायत विकसित की जाएगी। राज्य स्तर पर भी प्रयास किए जा रहे हैं। राजस्थान में 5-6 मार्च, 2025 को दो दिवसीय क्षमता निर्माण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इंदिरा गांधी पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास संस्थान और पंचायती राज विभाग ने यूएनएफपीए राजस्थान के सहयोग से यह कार्यशाला आयोजित की। कार्यशाला में 46 प्रतिभागियों ने अपनी पंचायतों में जेंडर समानता सुनिश्चित करने की कार्य योजनाएं तैयार कीं। इस दौरान निर्वाचित प्रतिनिधियों और ग्राम विकास अधिकारियों को महिला और बालिका-हितैषी पंचायतें विकसित करने का प्रशिक्षण दिया गया। यह पहल महिलाओं की सुरक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देगी। साथ ही यह सतत विकास लक्ष्यों के स्थानीयकरण में भी मदद करेगी।
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महिला सशक्तिकरण की नई पहल:770 ग्राम पंचायतों को महिला हितैषी बनाने का लक्ष्य, हर जिले में एक मॉडल पंचायत
रविवार, मार्च 09, 2025
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