राजस्थान की 7 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर प्रदेश बीजेपी ने पैनल तैयार कर लिया। रविवार को सीएमआर में हुई प्रदेश कोर कमेटी की बैठक ने प्रत्याशियों के पैनल पर मुहर भी लगा दी। दिल्ली में जेपी नड्डा की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस पैनल को रखा गया। करीब 45 मिनट चली बैठक में राजस्थान से सीएम भजनलाल शर्मा, प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़, प्रदेश प्रभारी राधामोहन दास अग्रवाल और प्रदेश सह प्रभारी विजया राहटकर, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, अर्जुनराम मेघवाल मौजूद रहे। इससे पहले दिन में सीएमआर में आयोजित हुई प्रदेश कोर कमेटी की बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे शामिल नहीं हुईं। वहीं, केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव और सतीश पूनिया वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बैठक में जुड़े। उपचुनाव समेत अन्य विषयों पर चर्चा हुई बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा- भारतीय जनता पार्टी में सामूहिक निर्णय की प्रक्रिया और पद्धति है। कोर कमेटी की बैठक में हम सभी ने प्रदेश में आने वाले उपचुनाव सहित अन्य विषयों पर चर्चा की है। उन्होंने कहा- हरियाणा के चुनाव में हम सब लोग अलग-अलग जगह काम कर रहे थे। उसके बाद हम सभी को एक साथ बैठना भी था। बीजेपी की डबल इंजन की सरकार प्रदेश और देश में दोनों जगह काम कर रही है। राजस्थान में और अधिक बेहतर तरीके से हम कैसे काम कर सकते हैं। इस पर भी चर्चा हुई है। प्रदेश ने तीन-तीन नामों का पैनल भेजा बताया जा रहा है कि प्रदेश बीजेपी ने 7 विधानसभा सीटों के लिए तीन-तीन नामों का पैनल तैयार किया है। प्रदेश कोर कमेटी की बैठक में नामों के पैनल पर चर्चा करने के बाद उन्हें फाइनल कर लिया गया है। बैठक में तय किया गया है कि चुनावों को लेकर जो भी नाम फाइनल किया जाएगा, वो सामूहिक सहमति से किया जाएगा। इसके अलावा बैठक में चुनावी तैयारी के साथ-साथ सरकार के 10 महीनों के कामकाज के साथ जनता के बीच जाना तय हुआ है। माइक्रो मैनेजमेंट के साथ चुनावी मैदान में उतरेगी पार्टी बैठक में चुनावी तैयारियों को लेकर भी चर्चा की गई। सातों सीटों पर माइक्रो मैनेजमेंट के साथ पार्टी चुनावी मैदान में उतरेगी। इसमें प्रत्याशी चयन से लेकर चुनाव प्रचार की प्रक्रिया सहित अन्य तैयारियों पर चर्चा की गई। बैठक में चुनाव प्रचार के दौरान केन्द्रीय नेताओं और प्रदेश के नेताओं के दौरों को लेकर भी चर्चा हुई। बताया यह भी जा रहा है कि राजस्थान सरकार उप चुनावों से पहले ईआरसीपी-पीकेसी योजना के पहले फेज का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कराने की तैयारी कर रही है। ऐसा करके सरकार पूर्वी राजस्थान सहित अन्य सीटों को भी साधना चाहती है। इन 7 सीटों पर प्रदेश में होने हैं उपचुनाव दरअसल, राजस्थान में झुंझुनूं, दौसा, देवली-उनियारा, चौरासी, खींवसर, सलूंबर और रामगढ़ सीटों पर उपचुनाव होने हैं। झुंझुनूं, दौसा, देवली-उनियारा, चौरासी, खींवसर सीटें विधायकों के लोकसभा चुनाव जीतने के कारण सीटें खाली हुई थी। वहीं सूलंबर सीट बीजेपी विधायक अमृतलाल मीणा के निधन और रामगढ़ सीट कांग्रेस विधायक जुबेर खाने के इंतकाल के चलते खाली हुई है। ऐसे में अब प्रदेश में 7 विधानसभा सीटों पर उप चुनाव होने हैं। 7 सीटों में से भाजपा के पास एक ही सीट थी उपचुनाव वाली 7 सीटों में से बीजेपी के पास एक ही सीट थी। लोकसभा चुनाव जीतने से खाली हुई 5 सीटों में 3 कांग्रेस, एक आरएलपी और एक बीएपी के पास थी। झुंझनूं से बृजेंद्र ओला, देवली उनियारा से हरीश मीणा, दौसा से मुरारीलाल मीणा कांग्रेस की टिकट पर विधानसभा चुनाव जीते थे। सभी अब सांसद बन चुके हैं। चौरासी से बीएपी नेता राजकुमार रोत और खींवसर से आरएलपी प्रमुख हनुमान बेनीवाल विधानसभा चुनाव जीते थे। रामगढ़ से विधायक जुबेर खान कांग्रेस से विधायक थे। केवल सलूंबर सीट बीजेपी के पास थी। ये भी पढ़ें उप-चुनाव में बीजेपी सहानूभुति लहर और बड़े नेताओं के सहारे:6 में से 2 सीटों पर गुटबाजी हावी, 4 पर जातिगत और क्षेत्रीय समीकरण चुनौती
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