जयपुर के जनपथ स्थित यूथ हॉस्टल में विमुक्त, घुमंतू और अर्द्ध घुमंतू समुदाय के प्रतिनिधियों ने शुक्रवार को बैठक आयोजित की। इस बैठक में राज्य सरकार के लिए एक मसूदा तैयार किया गया। जिसमें मांग रखी गई कि इन समुदायों की सूची में जो भी विसंगतियां हैं, उन्हें दूर करने की मांग की गई है। इनमें रैबारी, देवासी और राईका नहीं लिखा हुआ है, जो कि एक ही समाज के पर्याय शब्द हैं। इससे राईका और देवासी के जाति पहचान पत्र नहीं बन रहे हैं और समाज का एक बड़ा तबका वंचित रह रहा है। कालबेलिया के आगे जोगी लगा दिया है, जबकि दोनों समाज अलग अलग हैं। गाड़िया लुहार लिया गया लेकिन लुहार छोड़ दिया गया, बावरी लिया गया लेकिन बागरिया छोड़ दिया गया। जबकि दोनों समाज एक ही हैं। बैठक में सरकार को चेतावनी दी गई है कि यदि सरकार आगामी 15 दिनों में ये विसंगतियों दूर नहीं की जाती है तो ये समुदाय एक साथ मिलकर बहिष्कार आंदोलन करेंगे और पहला आंदोलन आगामी 7 जनवरी को पाली में आयोजित होगा। बैठक में डीएनटे समुदाय का मांग पत्र भी जारी किया गया। राष्ट्रीय पशुपालक संघ एवं घुमंतु अर्ध घुमंतु विमुक्त जाति परिषद राजस्थान और भारत जोड़ो मिशन के मांगपत्र की मुख्य 9 मांगें वहीं भारत जोड़ो मिशन सोसाइटी के प्रदेश अध्यक्ष अनीष कुमार नाडार ने प्रधानमंत्री मोदी एवं मुख्यमंत्री भजन लाल लाल शर्मा के नेतृत्व में पंचायत राज विभाग ,सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग तथा अन्य विभाग के संयुक्त तत्वाधान में घुमंतु समाज के लिए चलाए जा रहे विभिन्न कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है जब घुमंतु अर्ध घुमंतु तथा विमुक्त जाति के लिए अलग से आदेश दिए गए हैं अब गांव के बाद शहरों में भी घुमंतू समाज जहां लंबे समय से निवास कर रही है वहीं पर पट्टे देने की कार्रवाई अमल में लाई जा रही है ,उन्होंने समाज हित में इन संगठनों द्वारा उठाए जा रहे मुद्दों को भी शामिल करने की मांग करते हुए कहा कि यूं तो सरकार की लिस्ट में इससे भी अधिक योजनाएं शामिल हैं लेकिन अब विभिन्न संगठन सक्रियता के साथ सरकार के कार्यों की समीक्षा कर रही हैं एवं अपनी मांग भी रख रही है इससे सरकार के काम मजबूती से परिलक्षित होंगे एवं घुमंतू समाज को सदियों की दासता से जल्द ही मुक्ति मिल पाएगी
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