बागोड़ा में नाबालिग के साथ दुष्कर्म के प्रयास करने के मामले में थानाधिकारी की ओर से 38 दिन तक मामला दर्ज नहीं करने पर पॉक्सो कोर्ट ने इसे गंभीर माना है। कोर्ट ने बागोड़ा थानाधिकारी को आरोपी बनाकर समन पेश किया है। दरअसल, पीड़िता के साथ 3 दिसंबर को घटना हुई थी, उसके बाद कई बार थाने के चक्कर लगाने के बावजूद मामला दर्ज नहीं होने पर 27 दिसंबर को जालोर पुलिस अधीक्षक के समक्ष पेश हुई। यहां से परिवाद को मामला दर्ज करने के लिए बागोड़ा थाने भेजा गया और यह परिवाद थानाधिकारी को एक जनवरी को मिला। लेकिन उसके बावजूद मामला दर्ज नहीं किया गया। ऐसे में पीड़ित ने 4 जनवरी को न्यायालय की शरण लेकर परिवाद पेश किया। जिस पर पॉक्सो कोर्ट ने इसे लापरवाही मानते हुए थानाधिकारी अरुण कुमार को आरोपी बनाते हुए समन पेश किया है। मामला दर्ज नहीं करना गंभीर अपराध न्यायाधीश भूपेंद्र कुमार सनाढ्य ने घटना के 38 दिन बाद भी मामला दर्ज नहीं करने पर गंभीर अपराध मानते हुए थानाधिकारी अरुण कुमार को आरोपी बनाया है। उन्होंने बताया कि थाने में मामला दर्ज नहीं होने पर पीड़िता ने पुलिस अधीक्षक के समक्ष परिवाद पेश किया। यहां से परिवाद बागोड़ा थाने में भेजने के बावजूद भी मामला दर्ज नहीं किया गया। जबकि साक्ष्यों के आधार पर घटना साबित होती है। थानाधिकारी की ओर से इस तरह मामला दर्ज नहीं करना गंभीर अपराध है। ऐसे में प्रसंज्ञान लेकर न्यायाधीश ने थानाधिकारी अरुण कुमार को आरोपी बनाकर 27 जनवरी को कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए है।
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