राजस्थान की अधीनस्थ अदालतों में पिछले 6 दिनों से न्यायिक कर्मचारियों के सामूहिक अवकाश पर चले जाने से कामकाज पूरी तरह से ठप हो गया है। आज एक केस की सुनवाई के दौरान मामला संज्ञान में आने पर हाईकोर्ट ने इसे लेकर रिपोर्ट मांगी है। जस्टिस अशोक कुमार जैन की अदालत ने इस मामले में ज्यूडिशियल रजिस्ट्रार से गुरुवार सुबह विस्तृत रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है। दरअसल, आज अदालत इबरा उर्फ इबरान की अपील पर सुनवाई कर रही थी। अपीलकर्ता ने डकैती के मामले में 7 साल की सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की थी। निचली कोर्ट से दस्तावेज नहीं मिल पा रहे है इस मामले में सरकार की ओर से कहा गया था कि आरोपी के खिलाफ करीब 15 मामले दर्ज हैं। इस पर आज अपीलकर्ता के वकील जिया उर रहमान ने कहा- इनमें से अधिकतर मामलों में आरोपी बरी हो चुका है। वहीं, कुछ मामलों में ट्रायल चल रहा है। इस पर अदालत ने इन केसों से संबंधित सत्यापित दस्तावेज नहीं लगाने का कारण पूछा। इस पर वकील ने कहा कि निचली अदालत में कर्मचारियों के सामूहिक अवकाश पर चले जाने से दस्तावेजों की सत्यापित प्रति नहीं मिल पा रही है। इस पर अदालत ने कर्मचारियों की हड़ताल को लेकर रिपोर्ट मांगी। कर्मचारियों की कैडर पुर्नगठन की है मांग राजस्थान न्यायिक कर्मचारी संघ के बैनर तले कर्मचारी कैडर पुनर्गठन की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं। संघ के प्रदेशाध्यक्ष सुरेन्द्र नारायण जोशी ने बताया- पिछले दो साल से कर्मचारियों की यह मांग लंबित है। इस बाबत हाईकोर्ट की फुल बैंच ने 6 मई 2023 को प्रस्ताव पास करके राज्य सरकार को भिजवा दिया था। लेकिन सरकार ने दो साल बाद भी इसे लागू नहीं किया। कर्मचारियों का कहना है कि इससे हमें प्रमोशन के कम मौके मिल रहे हैं और आर्थिक नुकसान भी हो रहा है। जबकि राज्य कर्मचारियों में इन दोनों संवर्गों का पुनर्गठन तुरंत ही कर दिया गया था। लेकिन न्यायिक कर्मचारियों के साथ सरकार भेदभाव कर रही है। उन्होंने कहा कि जब तक हमारी मांगे नहीं मानी जाती है, हम काम पर नहीं लौटेंगे।
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डकैती के केस में कोर्ट को कागज नहीं मिले:न्यायिक कर्मचारियों के सामूहिक अवकाश पर हाईकोर्ट ने मांगी रिपोर्ट, पिछले 6 दिनों से काम ठप
गुरुवार, जुलाई 24, 2025
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