बांग्लादेश में अवामी लीग के प्रस्तावित देशव्यापी विरोध प्रदर्शन से पहले कई शहरों में बुधवार देर रात फिर हिंसा भड़क गई। प्रदर्शनकारियों ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के पिता और बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर्रहमान 'बंगबंधु' के ढाका स्थित धनमंडी-32 आवास पर धावा बोला और तोड़फोड़ की। हिंसा सोशल मीडिया पर ‘बुलडोजर जुलूस’ के ऐलान के बाद हुई। जब हमला हुआ, तब वहां सुरक्षाबल भी मौजूद थे। भीड़ को वहां से जाने के लिए समझाने की कोशिश की, लेकिन सारी कोशिशें नाकाम रहीं। कुछ उपद्रवी आवास और संग्रहालय में भी घुस गए। बालकनी पर चढ़ गए और तोड़फोड़ की। बताया जा रहा है कि आवास में आगजनी भी की गई है। इसके कई वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। आज हिंसा क्यों भड़की? दरअसल, शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग ने 6 फरवरी को अपने कार्यकर्ताओं और नेताओं को सड़क पर उतरने की अपील की थी। पार्टी पूर्व पीएम हसीना पर लगे कथित मामले दर्ज करने और अल्पसंख्यकों पर हमले के विरोध में मार्च निकालने का आह्वान किया था। इससे पहले आज रात 9 बजे शेख हसीना अपने समर्थकों के लिए ऑनलाइन भाषण देने वाली थीं। इससे पहले '24 रिवोल्यूशनरी स्टूडेंट-जनता' नाम के छात्र संगठन ने इसके विरोध में रात 9 बजे ‘बुलडोजर मार्च’ निकालने का ऐलान किया। इसके लिए सोशल मीडिया पर प्रचार किया गया। इसमें शेख हसीना के पिता का घर गिराया जाने की बात कही गई, लेकिन प्रदर्शनकारी 8 बजे ही शेख मुजीबुर्ररहमान के घर धनमंडी-32 पहुंच गए और तोड़फोड़ शुरू कर दी। हिंसा और तोड़फोड़ की फोटोज... प्रदर्शनकारी 'शेख हसीना को फांसी दो' के नारे लगा रहे थे प्रदर्शनकारी शेख मुजीबुर्ररहमान के घर का मेनगेट तोड़कर अंदर घुस गए। इस दौरान वे 'फांसी दो, फांसी दो। शेख हसीना को फांसी दो।' पूरे बंगाल (बांग्लादेश) को खबर दो, मुजीबुर्रहमान की कब्र खोद दो' 'अवामी लीग के लोगों को पीटने, बांग्लादेश में वे नहीं रहेंगे' के नारे लगा रहे थे। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि मुजीबुर्रहमान का घर ‘फांसीवादियों का गढ़’ है, इससे छुटकारा पाना जरूरी है।' इसी घर में हुई थी बंगबंधु की हत्या बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर्रहमान इसी घर में रहा करते थे। 15 अगस्त 1975 को बंगबंधु, उनकी पत्नी, बेटे, बहू और कई रिश्तेदारों की इसी घर में हत्या कर दी गई थी। इसके बाद इस घर को एक स्मारक संग्रहालय के रूप में बनाया गया था। इससे पहले 5 अगस्त 2024 को शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद भीड़ ने इस घर पर हमला किया था। तोड़फोड़ कर आग लगा दी गई थी। तब से यह घर वीरान था।
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