जयपुर के ‘डोल का बाढ़’ वन क्षेत्र में चल रहे पर्यावरण संरक्षण आंदोलन को समर्थन देने के लिए सोमवार को नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा वहां पहुंचे। उनके साथ मुख्य सचेतक रफीक खान और विधायक जाकिर हुसैन गैसावत भी मौजूद रहे। इस दौरान जूली ने कहा कि सरकार से अपील है कि वे विकास की आड़ में पर्यावरण और जैव विविधता का विनाश न करे। कंक्रीट का जंगल खड़ा करने के लिए हजारों पेड़ों और पक्षियों के आशियाने उजाड़ना उचित नहीं है। सरकार को जनता की भावना और पर्यावरणीय जरूरतों के अनुसार निर्णय लेना चाहिए। साथ ही जूली ने सरकार से इस क्षेत्र को उजाड़ने के बजाय इसे बायोडायवर्सिटी पार्क में तब्दील करने की मांग की। उन्होंने कहा नेशनल ग्रीन गाइडलाइन के अनुसार प्रति व्यक्ति 9 वर्ग मीटर ग्रीन एरिया होना चाहिए। लेकिन जयपुर में औसतन केवल 2.25 वर्ग मीटर ही ग्रीन एरिया है। ऐसे में डोल का बाढ़ जैसे क्षेत्रों का संरक्षण अनिवार्य हो जाता है। हजारों पेड़ों और पक्षियों का आशियाना है डोल का बाढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने बताया कि यह 40 हैक्टेयर में फैला वन क्षेत्र है, जिसमें करीब ढाई हजार पेड़ और 80 से अधिक प्रजातियों के हजारों पक्षी निवास करते हैं। इनमें से कई पेड़ औषधीय महत्व के भी हैं। जिन्हें सरकार उजाड़ना चाहती है।
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डोल का बाढ़ को लेकर कांग्रेस ने सरकार को घेरा:नेता प्रतिपक्ष जूली बोले - विकास की आड में पर्यावरण का विनाश ना करे, यहां बायोडायवर्सिटी पार्क बनाए
मंगलवार, मई 06, 2025
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