जयपुर में हरितालिका तीज पर कई आयोजन हुआ। जहां नेपाल-गोरखा समाज ने परंपरा को जश्न के रूप में मनाया। विभिन्न कार्यक्रमों में महिलाएं नेपाली गीतों पर नाचती गाती नजर आईं। मूल प्रवाह अखिल भारत नेपाली एकता समाज की महिला विभाग ने मंगलवार को रामनिवास बाग स्थित राजस्थान राज्य स्काउट गाइड भवन में हरितालिका तीज का आयोजन किया। अध्यक्ष रिम राना ने बताया- होनहार नेपाली विद्यार्थियों, कलाकार और समाजसेवियों का सम्मान भी किया गया। बेलबहादुर रजाली बोले- राजनीतिक स्तर पर महिलाओं के साथ भेदभाव जारी कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मूल प्रवाह अखिल भारत नेपाली एकता समाज के केंद्रीय सदस्य बेलबहादुर रजाली ने कहा कि समाज में आज भी पितृ सत्तात्मक व्यवस्था कायम है। राजनीतिक स्तर पर महिलाओं के साथ भेदभाव जारी है। उन्होंने कहा कि वर्तमान व्यवस्था सामंती विचारधारा को बढ़ावा दे रही है। मूल प्रवाह अखिल भारत नेपाली एकता समाज तीज के प्रगतिशील महत्व को आगे बढ़ाते हुए समाज में फैली कुरीतियों को रोकने और महिलाओं के अधिकारों के लिए सांस्कृतिक आंदोलन चला रहा है। मूल प्रवाह अखिल भारत नेपाली एकता समाज एक सामाजिक संगठन- बेलबहादुर रजाली बेलबहादुर रजाली ने बताया कि मूल प्रवाह अखिल भारत नेपाली एकता समाज एक सामाजिक संगठन है जो कि 1979 में स्थापित हुई थी और भारत के लगभग सभी राज्यों में इसकी शाखाएं है। आज भारत में लाखों की संख्या में नेपाली समुदाय के लोग है। 1816 की सुगौली सन्धि के कारण भूमि सहित भारत में रह रहे नेपाली समुदाय के लोग नेपाली भाषी भारतीय नागरिक है और प्रत्येक भारतीय नागरिक को मिलने वाला अधिकार उनको मिलना चाहिए। इसी तरह 1950 की त्रिपक्षीय सन्धि के प्रावधान अन्तर्गत अध्ययन, रोजगार, व्यापार व्यवसाय के सिलसिला में भारत में रह रहे नेपाली समुदाय के लोग नेपाली नागरिक है और उनको 1950 की सन्धि के प्रावधान अनुसार सभी अधिकार मिलना चाहिए। यह संस्था दोनों तरह के नेपाली समुदाय के हक अधिकारों की रक्षा और उनके सामाजिक, भाषिक, सांस्कृतिक उत्थान एवं संरक्षण के लिए यह संस्था कार्यशील है। नेपाल की वेषभूषा में सजकर आई महिलाओं ने अपने अपने ग्रुप बनाकर गीत और नृत्य प्रस्तुत किया कार्यक्रम में जयपुर के विभिन्न भागों से हजारों की संख्या में महिलाओं की उपस्थिति रही। नेपाल की वेषभूषा में सजकर आई महिलाओं ने अपने अपने ग्रुप बनाकर गीत और नृत्य प्रस्तुत किया। गीत और नृत्य के माध्यम से समाज में व्याप्त अंधविश्वास कुरीति और रुढ़ीवाद के खिलाफ चेतना फैलाने को सन्देश दिया । पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, यह त्योहार पार्वती के साहसिक निर्णय से जुड़ा है। पार्वती ने पिता हिमालय द्वारा तय किए गए विवाह को इनकार कर दिया था। उन्होंने अपना घर छोड़कर जंगल में शिव की प्रतीक्षा में तपस्या की। यह कदम महिलाओं के लिए आत्म निर्णय का प्रतीक बन गया। नेपाली समाज में श्रावण संक्रांति से तीज तक महिलाएं सामूहिक रूप से गीत गाती हैं। इन गीतों में महिलाओं पर होने वाले भेदभाव और हिंसा का वर्णन होता है। कार्यक्रम की अध्यक्षता हुमा रजाली ने की। उद्घोषणा दीपा थापा और आगन्तुकों का स्वागत बीना थापा ने किया। नेपाली आर्याव्रत उद्यमशील समाज सेवा समिति की ओर से हरितालिका तीज पर आयोजन वहीं एमडी रोड स्थित गार्डन में भी नेपाली आर्याव्रत उद्यमशील समाज सेवा समिति की ओर से हरितालिका तीज पर आयोजन हुआ। यहां बड़ी संख्या में नेपाली-गोरखा समाज के लोगों ने शिरकत की। यहां महिलाओं ने सामूुहिक रूप से गीत गाए। यहां देखें फोटोज
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जयपुर में पार्वती के विद्रोह की याद दिलाई:हरितालिका तीज पर नेपाल की वेषभूषा में महिलाओं ने ग्रुप बनाकर डांस किया
बुधवार, अगस्त 27, 2025
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