करौली स्वास्थ्य विभाग को टीबी मरीजों की त्वरित पहचान और समय पर उपचार सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण तकनीकी सुविधा मिली है। जिला क्षय रोग निवारण केंद्र को हैंडहेल्ड अल्ट्रा पोर्टेबल एक्स-रे मशीन उपलब्ध कराई गई है। इस मशीन की मदद से अब शिविरों, दूरस्थ इलाकों और घर-घर जाकर मौके पर ही एक्स-रे जांच, रिपोर्ट और सैंपल संग्रह संभव हो सकेगा। इससे इलाज में होने वाली देरी पर प्रभावी रूप से रोक लगने की उम्मीद है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. जयंतीलाल मीणा ने एक्स-रे रूम का फीता काटकर मशीन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी, तकनीकी स्टाफ और क्षय रोग नियंत्रण कार्यक्रम टीम के सदस्य उपस्थित थे। जिला क्षय रोग निवारण केंद्र करौली के प्रभारी धर्मेंद्र कुमार गुप्ता ने बताया कि यह मशीन रिसेप्टर, कैमरा और लैपटॉप से सुसज्जित है और पूरी तरह पोर्टेबल है। उन्होंने कहा कि इससे डोर-टू-डोर टीबी स्क्रीनिंग अभियान को गति मिलेगी, क्योंकि मरीजों को जांच के लिए अस्पताल आने की आवश्यकता नहीं होगी। थूक और कफ के सैंपल भी मौके पर ही एकत्र कर आगे की जांच के लिए भेजे जा सकेंगे। गुप्ता ने यह भी जानकारी दी कि पिछले एक वर्ष में जिले में 5000 से अधिक क्षय रोगियों की जांच कर उनका उपचार शुरू किया गया है। इसी अवधि में 1300 सिलिकोसिस रोगियों के प्रमाण पत्र भी जारी किए गए हैं, जो जिले में स्वास्थ्य सेवाओं के प्रभावी क्रियान्वयन को दर्शाता है। गुप्ता ने जोर देकर कहा कि टीबी रोगियों तक समय पर जांच और दवा पहुंचाना विभाग की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह नई मशीन ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच बढ़ाकर अधिक से अधिक मरीजों को लाभान्वित करेगी। उन्होंने बताया कि यह उपकरण राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत उपलब्ध कराया गया है। यह क्षय रोग मुक्त भारत के लक्ष्य को साकार करने में महत्वपूर्ण योगदान देगा।
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करौली क्षय रोग केंद्र को मिला पोर्टेबल एक्स-रे:टीबी जांच अब मौके पर, रिपोर्ट और सैंपल तुरंत
मंगलवार, नवंबर 25, 2025
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